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यूं प्रकट हुई थी ट्रॉपिक ऑफ केंसर (कर्क रेखा)

देश में कहीं और दूसरी जगह नहीं होगी... जहां ये बोर्ड मिलेगा... कर्क रेखा... ट्रॉपिक ऑफ केंसर... इसपर लिखा है... कर्क रेखा यहां से गुज़रती है... भोपाल से सांची जाते वक्त हाईवे पर करीब 32 किलोमीटर दूर ये बोर्ड दिखता है तो लोग ठहर ही जाते हैं... सेल्फी लेते हैं... ये तस्वीर भी बेहद लोकप्रिय हो रही है... मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान जब ईशा फाउंडेशन के सद्गुरू जग्गी वासुदेव महाराज के साथ विदिशा जा रहे थे... तब इस जगह पर जाकर ठहर गये.... शिवराज-साधना ने सद्गुरू के साथ ये तस्वीर अब शिवराज और सद्गुरू की फोटो एलबम का हिस्सा बन गयी है... ये तस्वीर शिवराज और सद्गुरू के ट्वीटर हैंडल पर देखी तो 17 साल पहले का वो वाकया फिर याद आ गया.... सांची के स्तूप की तरह की कौतुहल वाली ये जगह 17 साल पहले नहीं थी... उस वक्त मैं सांध्य प्रकाश का रिपोर्टर था... साइंस की रिपोर्टिंग कम ही होती थी... उस वक्त रीजनल साइंस सेंटर में साइंटिस्ट थे रायगांवकर साब। अक्षांश और देशांतर रेखा पर भोपाल की स्थिति देखने के बाद रायगांवकर साहब से कई बार डिस्कस किया था कि   23.25°N, 77.416667°E   की पोजिशन भ...
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प्लीज, स्पीक इन हिन्दी...

हिन्दी प्लीज़... डोंट टॉक इन इंग्लिश... वी आर इंडियन... हिन्दी में बात करें.. हिन्दुस्तानी हैं.. तो हिन्दुस्तानी दिखें और हिन्दी बोलें भी... भई हमारे प्रदेश में विश्व हिन्दी समारोह होने जा रहा है। 10 से 12 सितंबर को यहां हिन्दी की धूम रहेगी... दुनिया भर से लोग आएंगे... वो लोग भी जिनकी त्वचा तो विदेशी गोरी चिकटी है... लेकिन ज़ुबां से लज़ीज़ हिन्दी टपकती है... अब ये लोग हिन्दी बोलेंगे तो हम और आप गुड मॉर्निंग थोड़े ही करेंगे... जिस तरह दीवाली पर माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए पूरे घर को पुतवाकर... चमकाकर... ऐसे सजाया जाता है... जैसे हम गंदगी में रह ही नहीं सकते... वैसे ही विश्व हिन्दी सम्मेलन के लिए भी तैयारी है... हम सबको हिन्दी बोलना चाहिए... अपने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद इस तैयारी के लिए न्यू मार्केट की सड़कों पर निकल गए... लोगों से इल्तजा की कि न्यूमार्केट बोलना छोड़िये.. अब नया बाज़ार कहिये... दुकानों के अंग्रेजी नाम वाले साइन बोर्ड भी उतार दीजिये... नए पुतवाइये... और हिन्दी में लिखिये.. सरकार ने तो तैयारी शुरु भी कर दी है.. पुलिस कंट्रोल रुम के पास वाले ओवर हैड...

भोपाल कोर्ट का ये दृश्य आप मत देखना

भोपाल कोर्ट का ये दृश्य आप मत देखना ये व्यापमं फर्जीवाड़े के आरोपियों की कतार है... भोपाल कोर्ट का मैन गेट है.... महिलाओं की कतार आ रही है... सबको सादीवर्दी वाले एसटीएफ पुलिस वालों ने घेर रखा है। इस कतार में महिलाएं और युवतियां प्रवेश कर रही हैं... सबके चेहरे ढंके हुए हैं। किसी के साड़ी के पल्लू से तो किसी के दुपट्टे से। चाल-ढाल और कपड़ों से लगता है ये गांव या छोटे शहर की हैं... मध्यम और निम्न मध्यम वर्गीय महिलाएं होंगी। ये सभी संविदा शिक्षा कर्मी हैं.... कुछ और बच्चों का जिक्र करुंगा... ये युवकों की कतार है चुस्त जींस और टीशर्ट है... देखने से रौबीले लगते हैं.. मगर चेहरे पर रुमाल बांधने की कोशिश... जब ये प्रवेश कर रहे हैं तो एक भीड़ है... जो इन्हें देखने को आतुर है.. ये सभी मीडिया वाले हैं.. कैमरामैन और फोटो ग्राफर.. कुछ रिपोर्टरों के हाथ में माईक भी है... आरोपियों की कतार में से कुछ लड़कियां भी हैं... सबकी उम्र 20-22 बरस के आसपास लड़कियों ने जींस और टॉप पहना है... कुछ लड़कियां सलवार सूट भी पहनकर आई हैं। कपड़े फब रहे हैं इन आरोपियों पर। 20-22 साल के ये सभी लड़के-लड़कियां मेडिकल इंट्रेस टेस्ट य...